गुरुवार, 2 जनवरी 2025

01 मौन.. पहाड़ का


नग्न काया
परवत का
बजा रहा
संगीत 
पतझड़ का

कुछ विरहगान
गुनगुनाती
पहाड़ी लड़कियाँ
गीत में...है 
समाया हुआ
दुःख पहाड़ का

सिकुड़कर 
लाज से
सिसकते सिकुड़ी सी 
नदी 'औ'
जंगल तोड़ रहे
मौन...पहाड़ का

और नदी के
छलछलाने की
आवाज़ भी
भंग करती है
मौन ... पहाड़ का 
- दिग्विजय