रविवार, 30 सितंबर 2018

अपने लिए जिए तो क्या जिएं

एक बार पचास लोगों का ग्रुप।  किसी मीटिंग में हिस्सा ले रहा था।
मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि  स्पीकर अचानक
ही रुका और सभी सहभागियों को गुब्बारे देते हुए बोला , ” आप
सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया। 

अब गुब्बारों को एक दूसरे कमरे में रख दिया गया। स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा। 

सारे सहभागी तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे। 

पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था… 

5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया। 

स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक सहभागी कुछ मायूस होते हुए बोला।

“कोई बात नहीं , आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति को दे दे जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है । “, स्पीकर ने निर्दश दिया। 

एक बार फिर सभी सहभागी कमरे में गए,पर इस बार सब शांत थे और कमरे में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दूसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।

स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,

 ” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है। हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद
भी उसे कुछ नहीं मिलता ,

हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है।


जब हम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जायेंगे
तो अपने आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जाएँगी।


5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत प्रेरक रचना
    जीवन तो होता ही है दूसरों के लिए
    मुझे तो लगता हैं मेरी वजह से अगर किसी को थोड़ी सी भी खुशी मिलती हैं तो ये जीवन सफल हो जाये

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (01-10-2018) को "राधे ख्यालों में खोने लगी है" (चर्चा अंक-3111) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

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  3. सहज कहानी के माध्यम से जीवन जीने का मन्त्र दे दिया ...
    बहुत ही उत्तम कथा ... सच और सीख देती हुयी ...

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