मंगलवार, 11 सितंबर 2018

एक लीटर में कितना माइलेज देता है हवाई जहाज!

जान कर चौक जाएंगे आप कि एक लीटर में 
कितना माइलेज देता है हवाई जहाज!

आप अक्सर ट्रैवल करते होंगे कार्स में बाइक्स में जो आप को एक जगह से दूसरी जगह ले कर जाती है। और इसके लिए आपको खर्च करना पड़ता है कुछ फ्यूल। दुनियाभर में बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो आज तक हवाई जहाज में नहीं बैठे होंगे। ऐसे में उनके लिए यह जानना तो बहुत दूर की बात होगी कि हवाई जहाज एक किलोमीटर चलने में कितना इंधन इस्तेमाल करता है।

अगर हम प्लेन की बात करे तो 1 सेकंड में लगभग 4 लीटर फ्यूल की खपत करता है ,जी हां सिर्फ 1 सेकंड में 4 लीटर पेट्रोल की खपत होती है। अगर प्लेन घंटे तक चलता है तो इसे 150000 लीटर फ्यूल की जरूरत पड़ेगी। प्लेन को 1 किलोमीटर डिस्टेंस ट्रेवल करने के लिए 
12 लीटर फ्यूल की जरूरत पड़ती यहां पर एक एडवांटेज यह हो जाता है कि इसमें 465 यात्री एक साथ ट्रैवल कर सकते हैं और अगर हम हर यात्री का फ्यूल कंजर्वेशन निकाले तो एक यात्री के लिए 1 किलोमीटर जाने में 0504 लीटर फ्यूल की जरूरत पड़ती है। हवाई जहाज प्रति सेकेंड में लगभग 4 लीटर ईंधन खर्च करते हैं। बात करें तो 
बोइंग 747 की तो यह 1 मिनट की यात्रा के दौरान 
240 लीटर इंधन खर्च कर देता है।

जैसा कि हम जानते हैं अगर फ्लाइट 10 घंटे की है तो प्लेन को 150000 लीटर फ्यूल की जरूरत पड़ेगी। दोस्तो आपने अक्सर देखा होगा पिक्चर्स में TV में एक प्रेम प्लेन रनवे में खड़ी होती है तो एक छोटा सा केबल से कनेक्ट रहती है , मोबाइल चार्ज करते है वैसे 
कनेक्ट होता है। प्लेन के बॉडी लगे केबल देखकर ज्यादातर लोग सोचते हैं कि इस प्लेन में फ्यूल भरा जा रहा होगा , पर ऐसा 
बिल्कुल भी नहीं है। वह एक सैलरी ग्राउंड पावर यूनिट और 
सीपीयू सिस्टम प्लेन को इलेक्ट्रिक सप्लाई करती है। क्योंकि 
जब प्लेन रनवे में होती है तो इस प्लेन का दोनों इंजन बंद होता है , जिसकी वजह से प्लेन का इंजन इलेक्ट्रिसिटी जनरेट नहीं कर 
पाती है। इसीलिए इसे एक्सटर्नल इलेक्ट्रिसिटी सर्वर 
से कनेक्ट किया जाता है।

जिसे हम एसडीपीओ के नाम से जानते हैं। प्लेन का फ्यूल टैंक दरअसल प्लेन के बीच में होता है और इसे छोटे-छोटे 10 पार्ट में बांट दिया जाता है। फिर भी यह टैंक इतना बड़ा होता है कि चार पांच लोग आराम से घुस कर सो सकते हैं यह सारे छोटे-छोटे 10 टैंक एक दूसरे से हॉल के जरिए कनेक्टेड होते हैं। ऐसा यह होता है कि प्लेन के दोनों विंग्स में फ्यूल की मात्रा बराबर हो अगर किसी टैंक में फ्यूल कम होता है तो दूसरे टैंक का फ्यूल होल्ड से होते हुए बहके उसमें भर जाती है जिससे कि प्लैन उड़ता है।



4 टिप्‍पणियां: