रविवार, 2 मार्च 2025

07....सुंदर कार्यों को देर से मत छोड़ो,

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर,प्रेरणादायक ,संदेशात्मक।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार ४ मार्च २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. इतनी सादगी से इतनी बड़ी बात कह दी कि प्यार, अपनापन और माफ़ी वक़्त रहते दिखाओ, वरना सिर्फ पछतावा ही रह जाता है। सोच, उस किसान ने पहली बार अपनी बीवी को बाहों में लिया, और तब वो जा चुकी थी। कितनी बार हम अपनों को अनसुना कर देते हैं, सोचते हैं कि "अभी तो वक्त है", लेकिन असल में वक्त कब फिसल जाए पता भी नहीं चलता।

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