हाल-ऐ-दिल अपना सुना लूँ तो चले जाना
तुमको हमराज़ बना लूँ तो चले जाना
कब तलक छुपाउंगा अपनी उल्फत तुमसे
इकरार- ऐ-मोहब्बत जो कर लूँ तो चले जाना
शर्म-ओ-हया से रुख पर जैसे बिखरी ज़ुल्फ़े
उनको रुख पर मैं सजा लूँ तो चले जाना
तेरे हुस्न पर फ़िदा है यहाँ दीवाने कई
तुम को नज़रो में छुपा लूँ तो चले जाना
जाम बहोत पिये तेरी कातिल नज़रो से मैंनें
एक जाम तुझे होठों से पिला लूँ तो चले जाना
एक मुद्दत से प्यासा हूँ में तेरी चाहत का
तुझ को एक बार सीने से लगा लूँ तो चले जाना
तुम मुझ को ही चाहो और दुनिया भुला दो
जादू ये इश्क का चला लूँ तो चले जाना
तुम को दिल में बसा कर लिखी है यह “ग़ज़ल”
धीरे से उसको गुन-गुना लूँ तो चले जाना
तुमको हमराज़ बना लूँ तो चले जाना
कब तलक छुपाउंगा अपनी उल्फत तुमसे
इकरार- ऐ-मोहब्बत जो कर लूँ तो चले जाना
शर्म-ओ-हया से रुख पर जैसे बिखरी ज़ुल्फ़े
उनको रुख पर मैं सजा लूँ तो चले जाना
तेरे हुस्न पर फ़िदा है यहाँ दीवाने कई
तुम को नज़रो में छुपा लूँ तो चले जाना
जाम बहोत पिये तेरी कातिल नज़रो से मैंनें
एक जाम तुझे होठों से पिला लूँ तो चले जाना
एक मुद्दत से प्यासा हूँ में तेरी चाहत का
तुझ को एक बार सीने से लगा लूँ तो चले जाना
तुम मुझ को ही चाहो और दुनिया भुला दो
जादू ये इश्क का चला लूँ तो चले जाना
तुम को दिल में बसा कर लिखी है यह “ग़ज़ल”
धीरे से उसको गुन-गुना लूँ तो चले जाना
- राहुल भारद्वाज
वाह !
जवाब देंहटाएंकब तलक छुपाउंगा अपनी उल्फत तुमसे
जवाब देंहटाएंइकरार- ऐ-मोहब्बत जो कर लूँ तो चले जाना
अगर वो मान जाएँ तो पूरी उमे गुज़ार दूं इस इकरार में ही ...
लाजवाब शेर है ...
खुबसूरत गजल
जवाब देंहटाएंतुम मुझ को ही चाहो और दुनिया भुला दो
जवाब देंहटाएंजादू ये इश्क का चला लूँ तो चले जाना
waah bahut hi pyari rachna
shubhkamnayen