क्या वह भगवान था जिसने इस संसार की हर वस्तु को बनाया...?
छात्र का जवाब : हां
उन्होंने फिर पूछा : शैतान क्या हैं...?
क्या भगवान ने इसे भी बनाया ?
छात्र चुप हो गया.......!
फिर छात्र ने आग्रह किया कि-क्या वह उनसे कुछ
सवाल पूछ सकता हैं...?
प्रोफेसर ने इजाजत दे दी...
छात्र ने पूछा - क्या ठण्ड होती हैं..?
प्रोफेसर ने कहा : हां बिल्कुल क्या तुम्हे यह महसूस नहीं होती....?
छात्र ने कहा : मैं माफी चाहता हूँ सर लेकिन आप गलत हो ।
गर्मी का पूर्ण रुप से लुप्त होना ही ठण्ड कहलाता
हैं, जबकि इसका अस्तित्व नहीं होता। ठण्ड होती ही नहीं..?
छात्र ने फिर पूछा : क्या अन्धकार होता हैं...?
प्रोफेसर ने कहा:- हां, होता हैं....
छात्र ने कहा : आप फिर गलत हैं सर।
अन्धकार जैसी कोई चीज नहीं होती वास्तव में इसका कारण रोशनी का पूर्ण रुप से लुप्त होना हैं सर हमने हमेशा गर्मी और रोशनी के बारे में पढा और सुना हैं।
ठण्ड और अन्धकार के बारे में नहीं । वैसे ही भगवान हैं....
और....
बस इसी तरह शैतान भी नहीं होता l वास्तव में पूर्ण रुप से भगवान में विश्वास सत्य और आस्था का ना होना ही शैतान का होना हैं।
और वह छात्र था ...... स्वामी विवेकानन्द
प्रस्तुति : अनु कश्यप
आस्था गहरी होनी चाहिए
जवाब देंहटाएंफिर तो सब कुछ है.
बोधकथा से अवगत करने का आभार.