इस जहाँ का चलन भी निभा दीजिए और अपने भी दिल का कहा कीजिए। खोज में आप जिसकी परेशान हैं पास में ही न हो ये पता कीजिए। एक भी आप दुश्मन नहीं पायेगे बस ,ज़रा और दिल को बड़ा कीजिए। प्यार जैसा मज़ा पा लिया है अगर मुस्कराकर सितम भी सहा कीजिए। -डॉ. डी.एम. मिश्र