विभिन्न पुस्तकों से संकलित
कठिनाईयाँ
जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाईयों की वजह दूसरों को मानते है, तब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाईयों को मिटा नहीं सकते। क्योंकि अपनी समस्याओं एंव कठिनाईयों की वजह आप स्वयं हैं।
असंभव
इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं। हम वो सब कुछ कर सकते है, जो हम सोच सकते है और हम वो सब सोच सकते है,
जो आज तक हमने नहीं सोचा।
हार ना मानना
बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी, जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है। इसलिए लक्ष्य की ओर बढ़ें। अर्थ- हार व जीत का
सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है और असफलता हमें दुनिया का सहीं परिचय करवाती है।
सच्चा आत्मविश्वास
अगर किसी चीज़ को आप सच्चे दिल से चाहो तो पूरी कायनात
उसे तुमसे मिलाने में लग जाती हैं।
सच्ची महानता
सच्ची महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि
हर बार गिरकर फिर से उठ जाने में हैं।
गलतियां
अगर आप समय पर अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते है तो आप एक और गलती कर बैठते है। आप अपनी गलतियों से तभी सीख सकते है जब आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते है।
चिन्ता
अगर आप उन बातों एंव परिस्थितियों की वजह से चिंतित हो जाते है, जो आपके नियंत्रण में नहीं हैं तो इसका परिणाम समय की बर्बादी एवं भविष्य में पछतावा है।
शक्ति
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।
मेहनत
हम चाहें तो अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है और अगर हमको अपना भाग्य लिखना नहीं आता तो परिस्थितियां व समय हमारा भाग्य लिख ही देंगी।
सपने
सच कहे तो सपने वो नहीं है जो हम नींद में देखते है,
सपने तो वो है जो हमको नींद हीं न आने दें।
समय
आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास समय नहीं है क्योंकि आपको भी दिन में उतना ही समय (२४ घंटे) मिलता है जितना समय महान एंव सफल लोगों को मिलता है। समय सभी काे एक समान ही मिलता हैं।
विश्वास
विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है। विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाए इंसान को भी पत्थर दिल बना सकता हैं। विश्वास की नीव पर टिके है सारे रिश्तें।
सफलता
दूर से हमें आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते हैं जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते हैं।
सोच
बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही नज़रअन्दाज कर देते है। समस्याए समान है, लेकिन आपका नजरिया इनमें फर्क पैदा करती है। इसलिए अपने सोचने के नजरिये में बदलाव करें।
प्रसन्नता
यहा पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है...
ये आप ही के कर्मों से आती है .... आपके कर्मं ही निमित्त बनते हैं।
निमित्त भाव
आप सिर्फ निमित्त मात्र हैं इस संसार में। यह संसार एक रंगमंच हैं - सभी मनुष्य आत्मायें अपना-अपना Part Play कर रही हैं। जाे आत्मा अपना Part निमित्त भाव से Play कर रही है, ओ आनंद में हैं।
याद रखें - जीवन में सच्चा आनंद और शांति ताे सिर्फ व सिर्फ ईश्वरीय ध्यान `या` परमात्म याद (Godly Meditation) में ही हैं। चाहे अरबों-खरबों (Billions - trillions) इकट्ठा कर लो फिर भी सच्चा आनंद और शांति कभी ना मिलेगी।
साभार वैभवी पाण्डेय
अच्छा काम
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया ।
जवाब देंहटाएंसच्ची बात
बहुत बढिया
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