गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

खूबसूरती क्या है?

मैने खुदा से पूछा कि खूबसूरती क्या है?
तो वो बोले ::::
खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ
खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ
खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल

आप का ख़त मिला

आप का ख़त मिला, आप का शुक्रिया
आप ने याद मुझ को किया, शुक्रिया, शुक्रिया

प्यार में याद करना ही काफी नहीं,

आप की भूल काबिल-ए-माफी नहीं 
के रूठ जायेंगे हम फिर मनाना सनम 
यूं कटा आप बिन एक छोटा सा दिन
जैसे एक साल था, दिल का वो हाल था 
आप को क्या खबर, क्या हैं दर्द-ए-जिगर 
बस फ़साना कोइ, एक बहाना कोइ 
लिख के कागज़ पे भेज दिया, शुक्रिया, शुक्रिया 

आप लिखते हैं मिलने की फुरसत नहीं,

छोडिये बेरुखी हैं ए उलफत नहीं 
हम को था इंतज़ार, दिल रहा बेकरार 
शाम तक हम रहे, रास्ता देखते
थक गयी जब नजर, तब मिली एक खबर 
आप आये नहीं, काम था कुछ कही 
पर हमे गम नहीं, ये भी कुछ कम नहीं 
दिल के बदले लिफाफा मिला, शुक्रिया, शुक्रिया 

किसी के इतने पास न जा

..................... किसी के इतने पास न जा

के दूर जाना खौफ़ बन जाये

एक कदम पीछे देखने पर

सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये


किसी को इतना अपना न बना

कि उसे खोने का डर लगा रहे

इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये

तु पल पल खुद को ही खोने लगे



किसी के इतने सपने न देख

के काली रात भी रन्गीली लगे

आन्ख खुले तो बर्दाश्त न हो

जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे


किसी को इतना प्यार न कर

के बैठे बैठे आन्ख नम हो जाये

उसे गर मिले एक दर्द


इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये


किसी के बारे मे इतना न सोच

कि सोच का मतलब ही वो बन जाये

भीड के बीच भी

लगे तन्हाई से जकडे गये


किसी को इतना याद न कर

कि जहा देखो वोही नज़र आये


राह देख देख कर कही ऐसा न हो

जिन्दगी पीछे छूट जाये ,